छात्रों के जीवन में सोशल मीडिया का प्रभाव
सोशल मीडिया संचार का सबसे बड़ा साधन है। देश-विदेश से लोग इसके माध्यम से एक दुसरे से जुड़ सकते हैं। सोशल मीडिया का प्रयोग कंप्यूटर, मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप से कर सकते हैं। व्हाट्सएप्प, फेसबुक और इंस्टाग्राम सोशल मीडिया के प्रमुख प्लेटफार्म हैं। सोशल मीडिया की लोगों में काफी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है।
वर्तमान समय में सोशल मीडिया सभी के जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाती है। सोशल मीडिया के जितने फायदे हैं, उतने नुकसान भी हैं। बच्चे से लेकर बड़े तक सोशल मीडिया से बंध गए हैं। सोशल मीडिया ने लोगों का जीवन बहुत आसान कर दिया है। अब सब सोशल मीडिया के जरिए मिल जाता है, फिर चाहे वो कपड़े हो या बरतन हर चीज में सरलता आ गई है। लेकिन इसका नकारात्मक प्रभाव भी बहुत हैं। इसके जरिए लोग भ्रामक और गलत जानकारी भी फैलाते हैं। जिससे लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अब सरकार बहुत सख्ती में आ गई है। गलत बातें फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
टेक्नोलॉजी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। अब यूट्यूब के जरिए लोग ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही कई चीजों की जानकारी ले सकते हैं। अब हर कार्य घर बैठे किया जा सकता है, चाहे वो बिजली का बिल हो या मोबाइल का रिचार्ज। पहले के समय में लोग चिट्ठी भेजते थे एक दूसरे तक संदेश पहुंचाने के लिए, जिसमें बहुत ज्यादा समय लगता था, अब लोग मैसेज के जरिए अपने संदेश तुरंत पहुंचा सकते हैं।
छात्रों में सोशल मीडिया का प्रभाव
ज्यादा तर छात्रों में सोशल मीडिया का गलत प्रभाव पड़ता है। इसकी लत छात्रों में ज्यादा लगती यह छात्रों को सबसे ज्यादा आकर्षित करता है।
छात्रों की पढ़ाई उनका जीवन सब दांव पर लग जाता है। वह पढ़ाई से मन चुराने लगते हैं। व्हाटस्एप्प, फेसबुक और इंस्टाग्राम छात्रों को सबसे ज्यादा भटकाता है। वह पूरा टाइम चैटिंग में लगे रहते हैं। यह पढ़ाई बाधित करने के सबसे बड़े साधन हैं, जिससे उनकी आंखे कमजोर होती हैं।
सोशल मीडिया से छात्रों का समय बहुत बर्बाद होता है। जिससे उनके करियर में भी बहुत प्रभाव पड़ता है।
जब से इंटरनेट आया है बच्चे तो मानों आउटडोर गेम भूल ही गए हैं। जिससे उनके शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिकता पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है।
समय के साथ पैसों की भी हानि होती है। जितना ज्यादा इंटरनेट आप इस्तेमाल करेंगे उतना ज्यादा रिचार्ज का खर्चा बढ़ेगा।
सोशल मीडिया लोगों को सबसे ज्यादा गैर जिम्मेदार बनाता है। छात्र अपनी पढ़ाई और स्कूल, कॉलेज जाने के बजाए चैटिंग, गेमिंग, इंस्टाग्राम में व्यस्त रहते हैं।
सोशल मीडिया के जरिए सबसे ज्यादा अफवाह फैलाई जाती है। असमाजिक लोग सबसे ज्यादा अफवाह फैलाते हैं। इससे झूठी तस्वीर, वीडियो को एडिट करके लोगों को गुमराह करते हैं औऱ ब्लैक मेल करते हैं। गलत बातें फैलाकर लोगों को गलत जानकारी दी जाती है।
सोशल मीडिया से साइबर क्राइम को बढ़ावा
सोशल मीडिया जितना अच्छा है, उससे भी ज्यादा घातक है। साइबर क्राइम को सबसे ज्यादा बढ़ावा देता है। बच्चों के मन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
गलत तरीके से गुमराह कर सकते हैं, जो लोगों की जान तक ले सकता है।
फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से फेक आईडी बनाकर लोगों से गलत चैटिंग कर उनको गुमराह करते हैं। लोगों को फंसा कर उनसे गलत काम करवाते हैं। लोगों से धोखाधड़ी करते हैं। उनकी ई-मेल आईडी हैक करके जरूती दस्तावेज भी चुराते हैं।
सोशल मीडिया बहुत आसानी से लोगों को गलत राह में ले जाता है। कंप्यूटर संसाधनों से छेड़छाड़ की जाती है, उनका संग्रहित डाटा हैक करने की कोशिश की जा सकती है।
कैसे छात्र पढ़ाई और सोशल मीडिया में संतुलन बना सकते हैं?
छात्रों को एक समय सीमा के अनुसार ही सोशल मीडिया का प्रयोग करना चाहिए। सही प्रयोग के लिए इंटरनेट का उपयोग होना चाहिए। वह अपनी पढ़ाई के लिए भी इसका उपयोग कर सकते हैं। अगर छात्रों को इसकी लत लगी है, तो उनको कोशिश करनी चाहिए कि वो इसके दूर कर सके।
छात्र यूट्यूब में मूवी देखने की जगह अपनी पढ़ाई के वीडियो देख सकते हैं। अच्छी चीजें देख सकते हैं। छात्रों को हर चीज नियमानुसार करना चाहिए पूरे समय सोशल मीडिया का प्रयोग नहीं करना चाहिए।