कैसे असफलता सफलता में बदल सकती है ?

जब तक तू गिरा नहीं

तब तक डट कर खड़ा नहीं

भटकती राह में मिलेगी एक पूंजी

जो होगी तेरी सफलता की कूंजी

असफलता ही जीवन को सफल बनाती है। असफलता प्रकृति को रिबूट करने का तरीखा है। अफलता जीवन का वो पहलू है, जो इंसान को उसकी मंजिल तक पहुंचाता है। इस दौर से हर इंसान को गुजरना ही पड़ता है। विफलता विकासवादी है, यह जीवन के बारे में गहरी समझ, परिपक्वता तक पहुंचने में मदद करती है। सफलता बहुत मीठी होती है, लेकिन असफलता का कोई स्वाद नहीं होता। सफलता आसानी से नहीं मिलती बहुत मेहनत करनी पड़ती है। पूरी ईमानदारी और लगन से कार्य करने पर सफलता मिलती है।

छात्रों के जीवन में परीक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। ये एक ऐसा समय होता है, मन अशांत होता है, बहुत तरीके के प्रश्न होते हैं जीवन के कई पहलु सामने होते हैं। इसका सिर्फ एक ही उत्तर होता है सफलता। परीक्षा के समय अगर चूक हो गई तो पूरा साल बर्बाद हो जाता है। अगर छात्र समय समय पर अपने पाठ्यक्रम का अभ्यास करते रहे तो उनको सफतला मिलने से कोई नहीं रोक सकता।

छात्रों को सफल बनाने के मंत्र:

  • छात्रों को पढ़ाई करते वक्त एक ही जगह पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। विषय का अध्यनन करना बेहद जरूरी है।
  • पढ़ाई करते वक्त योग करना चाहिए इससे ध्यान एकाग्र रहता है। छात्रों को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पढ़ना चाहिए, इससे बहुत लाभ मिलता है।
  • परीक्षाओं के समय छात्रों को घबराना नहीं चाहिए, खुद पर हौसला रखकर वह बड़ी से बड़ी परीक्षाएं पास कर सकते हैं।

छात्रों के लिए सबसे महत्वपूर्ण परिक्षाएं तब होती हैं, जब वह कॉम्पिटिटिव परीक्षा देते हैं। तब हर छात्र का एक ही मकसद होता है कि बस मैं ये परीक्षा में निकल जाऊं। उन परीक्षाओं में छात्रों के साथ साथ अभिवावके की भी उम्मीदें जुडी होती हैं। उनके जीवन का सबसे अहम पल होता है, क्योंकि उनका करियर उन परीक्षाओं से जुड़ा होता।

अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं तो यह छात्रों पर निर्भर करता है कि वह परीक्षाओं की तैयारी में कितना समय देते हैं। परीक्षाओं के बहुत पहले से पढ़ाई शुरू करनी चाहिए, अध्यनन और गहनता सबसे ज्यादा जरूरी है। परीक्षाओं से पहले योजना और रणनीति बनाना बहुत आवश्यक है। ऐसी योजना बनानी चाहिए जो आवश्यकताओं के अनुरूप हो। अपने आपको परीक्षणों के कठिन स्तर से परिचित कराना जरूरी है, इससे लक्ष्य पाने में आसानी होती है। खाली समय में जो आपने पढ़ा हो उसका अभ्यास करते रहना चाहिए। यदि आप अपनी पढ़ाई को प्रैक्टिकल करके पढ़ेंगे तो याद करने में ज्यादा आसानी होगी। अपने पाठ्यक्रम को लेकर सुनिश्चित रहें। विषयों पर भी विचार करें। निम्न और उच्च स्तर की योजना विकसित करें। अपने पाठ्यक्रम को 3 चरणों में बांटे- सीखना, अभ्यास और संशोधित करना। निम्न स्तर योजना व्यक्तिगत विषयों, मॉड्यूल और अध्यायों और उनमें से प्रत्येक के लिए समय निकालें। अपने विषयों को समझने पर ध्यान दें याद करने पर नहीं। अगर आपने अच्छे से समझ लिया तो आपको याद करने की जरूरत नहीं पडेगी। छात्रों को हर पड़ाव के लिए  तैयार रहना चाहिए, यदि वह परिक्षाओं में सफल नहीं हो पाते तो निराश होने की जरूरत नहीं है। जीवन में हर चीज के लिए दोबारा मौका मिलता है, जिसमें वह और बेहतर कर सकते हैं। परीक्षाओं में भी उन्हें दोबारा मौका मिलता है। जिसमें उनको उन चीजों पर ध्यान देने के जरूरत हैं, जिनकी वजह से वह फेल हुए थे। उनको और ज्यादा अभ्यास करना चाहिए। निराशा में ही आशा होती है। असफल होने के बाद वह और अच्छे अंको से सफल हो सकते हैं।